डिजिटल डेस्क : आज की आरामदायक जीवन-शैली और खराब खानपान के कारण लोग स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्हीं में से एक है डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी। मधुमेह एक क्रॉनिक डिजीज है है, जो खराब खानपाना और जीवन-शैली के साथ ही हार्मोन्स में असंतुलन, दिल की बीमारी, स्मोकिंग, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और मोटापे के कारण होती है। इस बीमारी में ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रूप से घटता-बढ़ता रहता है, जिसके कारण हार्ट अटैक, मल्टीपल ऑर्गन फेलियर और ब्रेन स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अपने खानपान का ध्यान रखने बेहद ही जरूरत होता है। दवाइयों के साथ-साथ कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनके इस्तेमाल से खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। डायबिटीज की बीमारी में अमरूद किसी रामबाण से कम नहीं है।
अमरूद : गर्मियों के मौसम में मिलने वाले अमरूद में फाइबर की अच्छी खासी मात्रा मौजूद होती है। यह शरीर में ग्लूकोज को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे इंसुलिन की मात्रा बढ़ती है। इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद ही कम होता है। अमरूद के साथ-साथ उसकी पत्तियां भी पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। डायबिटीज के मरीज चाहें तो अमरूद के पत्तों की चाय बनाकर पी सकते हैं।
अमरूद के पत्तों की चाय बनाने का तरीका : अमरूद के 5-6 पत्तों को 2 गिलास पानी में डालकर 10 मिनट के लिए उबालें। फिर इस पानी को छान लें। ठंडा होने के बाद चाय को पीएं, इसके सेवन से खून में शुगर की मात्रा कंट्रोल रहती है।
ब्लड शुगर लेवल रेंज : खाना खाने के बाद एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल 90-180 mg/dl होता है। डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति, जो नियमित तौर पर इंसुलिन लेता है, खाने के बाद उसका शुगर लेवल 180 mg/dl होना चाहिए।
डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति, जो इंसुलिन नहीं लेता। उसका शुगर लेवल 140 mg/dl होना चाहिए। गर्भवती महिला, जो गेस्टेशनल डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित है, खाना खाने के एक घंटे बाद उसका शुगर लेवल 140 mg/dl होना चाहिए। जबकि खाने के दो घंटे बाद यह घटकर 120 mg/dl हो जाता है। डायबिटीज से ग्रसित लोगों को नियमित तौर पर अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करते रहना चाहिए।