भारत ने कप्तान रोहित शर्मा (120) के धैर्यवान शतक के बाद रवींद्र जडेजा (66 नाबाद) और अक्षर पटेल (52 नाबाद) के अर्द्धशतकों के दम पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट की पहली पारी में शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया पर 144 रन की विशाल बढ़त बना ली। दूसरे दिन का खेल खत्म होने से पहले भारत ने 321 रन बना लिये और मेजबान टीम के हाथ में अब भी तीन विकेट बाकी हैं।
रोहित ने कप्तानी पारी खेलते हुए 212 गेंदों पर 15 चौकों और दो छक्कों की मदद से 120 रन बनाये। इसी के साथ वह खेल के तीनों प्रारूपों में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गये। अंतरराष्ट्रीय पुरुष क्रिकेट में रोहित से पहले तिलकरत्ने दिलशान (श्रीलंका), फाफ डु प्लेसिस (दक्षिण अफ्रीका) और बाबर आज़म (पाकस्तिान) ऐसा कर चुके हैं। रोहित का विकेट गिरने के बाद विकेटकीपर श्रीकर भरत के रूप में भारत का सातवां विकेट भी 240 रन पर गिर गया।
ऑस्ट्रेलिया भारत को छोटी बढ़त पर रोकने की फिराक में था लेकिन जडेजा और अक्षर ने आठवें विकेट के लिये 81 रन की नाबाद साझेदारी करके कंगारुओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। ऑस्ट्रेलिया के लिये हालांकि टॉड मर्फी की गेंदबाजी राहत लेकर आयी जन्हिोंने विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा सहित पांच बल्लेबाजों को आउट किया। इसके अलावा कप्तान पैट कमिंस और नेथन लायन को भी एक-एक सफलता हासिल हुई।
समय मिलने पर बल्लेबाजी पर काम करता हूँ : अक्षर
भारतीय हरफनमौला क्रिकेटर अक्षर पटेल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में शुक्रवार को नाबाद अर्द्धशतकीय पारी खेलने के बाद कहा कि वह समय मिलने पर अपनी बल्लेबाजी तकनीक पर काम करते हैं। अक्षर ने दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, मैं पिछले एक साल से अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूँ। मेरा आत्मवश्विास काम आ रहा है। मैं हमेशा से जानता था कि मेरी तकनीक अच्छी है। मुझे जब भी समय मिलता है तो मैं इस पर काम करता हूँ। कोचिंग स्टाफ मुझे बताता है कि मेरे अंदर अच्छी बल्लेबाजी करने की क्षमता है, तो मैं (रनों में) योगदान देने की कोशिश करता हूं। पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन अक्षर जब बल्लेबाजी करने उतरे तो भारत 240 रन पर सात विकेट गंवा चुका था और मेजबान टीम के पास सर्फि 63 रन की बढ़त थी।
अक्षर ने इसके बाद 52 रन की नाबाद पारी खेली और रवींद्र जडेजा (66 नाबाद) के साथ 81 रन की साझेदारी करके भारत की बढ़त को 144 रन तक पहुंचा दिया। नागपुर टेस्ट शुरू होने से पहले पिच के बारे में कहा जा रहा था कि यह खब्बू बल्लेबाजों के लिये मुश्किल साबित होगी, लेकिन अक्षर-जडेजा की बल्लेबाजी ने इसे उलटा साबित कर दिया। अक्षर ने पिच के बारे में कहा, जब आप बल्लेबाजी करने उतरते हैं तो पिच पर थोड़ी मुश्किल होती है, लेकिन थोड़ा समय बिताने के बाद यह आसान हो जाता है। जडेजा के साथ लगातार ध्यान केंद्रित करने पर बात हो रही थी। उम्मीद है कल जब तक हम बल्लेबाजी करेंगे तब पिच अच्छा व्यवहार करेगी, और जब हम गेंदबाजी करेंगे तब वह हमारे लिये मददगार होगी।