नागपुर टेस्ट में पारी और 132 रन की विशाल जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम शुक्रवार से शुरू होने वाले बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को मात देकर चार मैचों की शृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त बनाना चाहेगी। भारत अगर अरुण जेटली स्टेडियम पर होने वाला यह मुकाबला जीत जाती है, तो उसकी सीरीज हारने की संभावनाएं समाप्त हो जायेंगी। रोहित की टीम हालांकि यह शृंखला कम से कम 3-1 के अंतर से जीतकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में जगह बनाने पर ध्यान देगी। रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल की स्पिन तिकड़ी की मौजूदगी में भारत डब्ल्यूटीसी फाइनल का सपना देख भी सकता है। अश्विन और जडेजा ने जहां आपस में 15 विकेट चटकाये थे, वहीं जडेजा ने 70 रन की अर्द्धशतकीय पारी भी खेली थी। तीसरे स्पिनर अक्षर भले ही गेंद से सर्फि एक सफलता हासिल कर सके हों लेकिन उन्होंने बल्ले से बहुमूल्य 84 रन का योगदान दिया था।
ऑस्ट्रेलिया के सामने इस स्पिन तिकड़ी से निपटने की चुनौती तो होगी ही, साथ ही कप्तान रोहित शर्मा की फॉर्म भी उनके लिये सिरदर्द का कारण होगी। नागपुर टेस्ट में रोहित ने 120 रन की नायाब शतकीय पारी खेलकर पिच से जुड़े सभी सवालों को शान्त कर दिया था। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जहां स्पिन गेंदबाजी को खेलने में संघर्ष करते नजर आये, वहीं रोहित को देखकर लगा कि वह किसी दूसरी ही पिच पर बल्लेबाजी कर रहे हैं। रोहित के अलावा विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा भी अपनी तालिका में रन जोड़ना चाहेंगे। पहले टेस्ट में दोनों ही बल्लेबाज सस्ते में आउट हो गये थे और इस बार वे स्पिन के विरुद्ध पिछली गलतियों को नहीं दोहराना चाहेंगे।
श्रेयस अय्यर के आने से भारत का मध्यक्रम मजबूत हो गया है, हालांकि सलामी बल्लेबाज केएल राहुल को आलोचनाओं से ऊपर उठकर कुछ रन बनाने होंगे। राहुल ने टेस्ट क्रिकेट में बतौर सलामी बल्लेबाज कुछेक अच्छी पारियां खेली हैं, हालांकि वह अपने प्रदर्शन में निरंतरता बरकरार नहीं रख सके हैं। अगर राहुल को दल्लिी टेस्ट में मौका मिलता है तो वह पिच पर समय बिताते हुए अपने बल्ले से कुछ रन निकालने का प्रयास करेंगे। भारत इस टेस्ट में भी मोहम्मद सिराज और मोहम्मद शमी की जोड़ी को ही तेज गेंदबाजी की कमान सौंपेगा, हालांकि ऑस्ट्रेलिया को पैट कमिंस का साथ देने के लिये कई विकल्पों में से एक चुनना होगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि नागपुर की हार ऑस्ट्रेलिया का मनोबल तोड़ने वाली थी। इस कारण से ऑस्ट्रेलिया के लिये मानसिक रूप से वापसी करना मुश्किल होगा, हालांकि उसे सीरीज में जन्दिा रहने के लिये यह टेस्ट जीतना भी जरूरी है।
अगर हरफनमौला कैमरन ग्रीन फिट होते हैं तो ऑस्ट्रेलिया स्कॉट बोलैंड को बेंच पर बैठाकर ग्रीन और एक अतिरक्ति स्पिनर को टीम में लाना चाहेगी। बल्लेबाजी के मामले में ऑस्ट्रेलिया को अपनी पुरानी एकादश पर ही वश्विास दिखाना होगा, हालांकि शानदार फॉर्म में चल रहे ट्राविस हेड को मध्यक्रम में मौका दिया जा सकता है। दल्लिी का मौसम साफ होने के कारण बारिश के कोई आसार नहीं हैं। सब कुछ सही रहने पर पुजारा शुक्रवार को 100वीं बार टेस्ट क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधत्वि करेंगे, और वह अच्छा प्रदर्शन करके इस मैच को यादगार बनाना चाहेंगे। भारत अरुण जेटली स्टेडियम पर पिछले 36 साल में कोई टेस्ट नहीं हारा है और वह इस बार भी अपने प्रदर्शन को बरकरार रखना चाहेगा।