निवेश और रोजगार सृजन में तेजी लाने के लिए आम बजट में पूंजीगत व्यय के वत्ति वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमान 7.28 लाख करोड़ रुपए की तुलना में वत्ति वर्ष 2023-24 में 37.4 प्रतिशत की वृद्धि कर 10 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
वत्ति मंत्री नर्मिला सीतारमण ने बुधवार को संसद में आम बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा कि अवसरंचना एवं उत्पादक क्षमता में निवेश का विकास और रोजगार पर बहुआयामी प्रभाव पड़ता है।
विकास और रोजगार के वाहक के रूप में पूंजीगत निवेश किया जा रहा है। वर्ष 2023-24 में कुल व्यय 45.03 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो वर्ष 2022-23 की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है। इस बजट में पूंजीगत व्यय वृत्ति वर्ष 2019-20 की तुलना में लगभग तीन गुना है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, रेल, रक्षा आदि जैसे प्रमुख अवसंरचना एवं रणनीतिक मंत्रालय वृत्ति वर्ष 2023-24 में पूंजीगत व्यय को प्रोत्साहित करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। बढ़े हुए पूंजीगत व्यय के माध्यम से अवसंरचना विकास पर बल दिया गया है
और यह अगले 25 वर्षों में 4-आई झ्र इन्फ्रास्ट्रक्चर, इनवेस्टमेंट, इनोवेशन और इनक्लूजन पर सरकार के फोकस और प्रतिबद्धता के अनुरूप है। सहकारी राजकोषीय संघवाद की भावना में राज्यों के हाथ मजबूत करने के लिए, पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को सहायता प्रदान करने के लिए वृत्ति वर्ष 2022-23 में आरंभ की गई स्कीम को 1.30 लाख करोड़ रुपए के बढ़े हुए परिव्यय के साथ वृत्ति वर्ष 2023-24 तक विस्तारित कर दिया गया है।
यह 2022-23 के बजट आवंटन की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है और वृत्ति वर्ष 2023-24 के जीडीपी का लगभग 0.4 प्रतिशत है।
बजट में बताया गया है कि राजस्व व्यय के 34.59 लाख करोड़ की तुलना में 2023-24 में 1.2 प्रतिशत बढ़कर 35.02 लाख करोड़ होने का अनुमान है। राजस्व व्यय के प्रमुख घटकों में ब्याज भुगतान, प्रमुख सब्सिडियां, सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्ते, पेंशन, रक्षा राजस्व व्यय, और वृत्ति आयोग अनुदानों के रूप में राज्यों को हस्तांतरण, केंद्रीय प्रायोजित योजनाएं आदि शामिल हैं।
अनुमानित ब्याज भुगतान 10.80 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो कुल राजस्व व्यय का 30.8 प्रतिशत है। राजस्व व्यय में सब्सिडी का महत्वपूर्ण स्थान है जिसमें भोजन, उर्वरक और पेट्रोलियम, सब्सिडी शामिल हैं।
प्रमुख सब्सिडियां 3.75 लाख करोड़ रुपए (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) हैं जो 2023-24 के बजट अनुमान के राजस्व व्यय का 10.7 प्रतिशत हैं। राज्यों को राजस्व घाटा अनुदानों, शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों को अनुदान जैसी विविध श्रेणियों तथा अन्य निकायों को दिया गया कुल वत्ति आयोग अनुदान वत्ति वर्ष 2023 में 1.65 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
वत्ति वर्ष 2022-23 में पेंशन व्यय 2.07 लाख करोड़ रुपए से संशोधित अनुमान 2022-23 में बढ़कर लगभग 2.45 लाख करोड़ रुपए होने से व्यय में वृद्धि हुयी है। 2022-23 में इस बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण रक्षाकर्मियों के संबंध में वन रैंक वन पेंशन के कारण देनदारियों को चुकाना रहा है।
बजट अनुमान 2023-24 में पेंशन भुगतान 2.34 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो अनुमानित जीडीपी का 0.8 प्रतिशत है। इसमें रक्षा पेंशन के लिए लगभग 1.38 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान भी शामिल है।
पंद्रहवें वत्ति आयोग की सिफारिशों के अनुरूप राज्यों को वर्ष के दौरान बढ़ी हुई कर प्राप्तियों के कारण लगभग 9.48 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया और केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को देय पूर्व अवधि समायोजन के कारण 32600 करोड़ रुपए की अनुमानित राशि का समायोजन किया गया है।
15वें वत्ति आयोग की सिफारिशों के अनुसार 2023-24 के बजट अनुमानों में राज्यों को कर वितरण 10.21 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।