आयुर्वेद के अनुसार आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं 10 अचूक उपाय
इस वैश्वीक महामारी से लड़ने में भी यह आयुर्वेद सबसे मजबूत महारथी सिद्ध हो रहा है।ये आठ अचूक उपाय निम्न वत हैं।
गर्म चीज में बैक्टीरिया या वायरस नही पनप सकता है। अतएव यह सलाह दी जाती है कि इस दौरान सिर्फ व सिर्फ गर्म जल का ही सेवन करे।
हल्दी भारतीय रसोई की सर्वश्रेष्ठ दवा के रूप में विख्यात है। इसे दर्द निवारक भी कहा जाता है। इसे दूध में उबाल कर पीने से हमारा इम्यून सिस्टम बहुत ही मजबूत हो जाता है
हल्दीवालादूधकासेवन
गले की खराश, खाँसी जुकाम व श्वास नली की दिक्कतों व समस्याओं में भाँप लेने व लौंग पावडर के सेवन से अत्यंत आराम मिलता है।
भापवलौंगपावडरकासेवन
इस आयुर्वेदिक काढ़े में तुलसी के पत्ते, दालचीनी, काली मिर्च, सुखी अदरक व मुनक्का मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है।
काढ़ेकासेवन
इसमें स्वाद हेतु नीबू का रस भी मिलाया जा सकता है। इस काढ़े को खूब उबाल कर छान लें, फिर गर्म ही सेवन करे।
काढ़ेकासेवन
लहसुन में पाए जाने वाला एलिसिन नामक तत्व रोग से लड़ने में काफी कामगार माना जाता है।
लहसुनकासेवन
पालक विटामिन व पोषक तत्वों की खान है। इसमें अनेक प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो हमारे शरीर मे व्याप्त गन्दगी को बाहर निकाल देते हैं।
पालक
इस थेरेपी के माध्यम से भी हम सम्पूर्ण शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। इसमें तिल या नारियल का तेल नाक में डाल कर छोड़ देते है।
ऑयलथेरेपी
अदरक एक गर्म खाद्य पदार्थ है। कफ व खाँसी के इलाज में इसे रामबाण औषधि कहा जाता है।
अदरक
गिलोय सम्पूर्ण आयुर्वेद में अति महत्वपूर्ण दवा के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है।
गिलोय
इस प्रकार हम आर्युवेद के उपरोक्त अचूक उपायों का अवलोकन करने पर पाते हैं
सकारात्मक सोच व सामान्य नुस्खों को अपना कर हम अपने को न केवल स्वस्थ रख पाते हैं बल्कि आंतरिक रूप में और मजबूत हो जाते हैं।