मां तुम्हारी याद में मन मेरा
उदास रहता है ,
तुम मुझसे दूर नहीं हो
ये दिल मेरा कहता है ।
मां ………MIND POWER
तुम्हारी ममता की छाया में
बचपन मेरा बीता है ,
तुम्हारी मीठी लोरी में
मेरी – रामायण , गीता है ।
तुम में ही डूबा रहता हूं मां
मेरी आंखों से आंसू बहता है ।।
मां …………MIND POWER
तुम्हारे हाथ की सूखी रोटी भी
मालपुआ सी लगती थी ,
तीखी मिर्ची वाली सब्जी भी
रसमलाई सी लगती थी ।
आंचल तुम्हारी ममता का मिले
इस आस में दिल ये रहता है ।
मां ………..MIND POWER
भगवान को कभी मैने देखा नहीं
पर तुम देवी की मूरत हो ,
मेरे मन के मन्दिर की
प्रतिमा तुम खूबसूरत हो ।
तुम ही मेरे चार धाम हो
चरणों में सिर झुका रहता है …
तुम्हारे चरणों में मेरा सिर
झुका रहता है — मां , ओ मां
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धन्यवाद