अतीक अहमद कौन है, लेटेस्ट न्यूज़, बेटा, संपत्ति, कहानी, समाचार, हाउस, मायावती (Who is Atiq Ahmed in Hindi) (Atique, Ateeq, Latest News, son, House, Supreme Court, Prayagraj, Age, Brother, Property, story)
आप हालही में न्यूज़ में एक नाम बार-बार सुन रहे होंगे. वह नाम है अतीक अहमद. अतीक अहमद कौन है, क्या करता है, किस लिए न्यूज़ में इसका नाम आ रहा है. ये सभी प्रश्न आपके दिमाग में चल रहे हैं, लेकिन आपके सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस लेख में मिल जायेंगे. आइये जानते हैं कौन है अतीक अहमद और कैसा रहा इनका अब तक का जीवन।
अतीक अहमद कौन है (Who is Atiq Ahmed )
अतीक अहमद हाल फिलहाल में एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, लेकिन इनका नाम अक्सर अपराधों के लीडर में गिना जाता है. एक समय था जब अपराध की दुनिया में अतीक अहमद का ड़का बोलता था, जबसे उन्होंने राजनीति में कदम रखा उन्होंने पीछे मुड़कर इसे वापस नहीं देखा, लेकिन इसमें पूरी सच्चाई नहीं है क्योकि हालही में इनका नाम राजू पाल एवं उमेश पाल के मर्डर केस में सामने आया है.
अतीक अहमद का जन्म एवं उम्र (Atiq Ahmed Birth and Age)
नाम | अतीक अहमद |
जन्म | 10 अगस्त 1962 |
जन्म स्थान | प्रयागराज |
उम्र | 60 साल |
धर्म | इस्लाम |
जाति | मुस्लिम |
राजनीतिक पार्टी | समाजवादी पार्टी |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
मामला | हत्या का |
मृत्यु | 15-04-2023 |
अतीक अहमद का शुरूआती जीवन (Atiq Ahmed Early Life)
अतीक अहमद के पिता फिरोज इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर तांगा चलाया करते थे, लेकिन उन्हें कभी भी ये काम करना पसंद नहीं था। जिसके कारण उन्होंने राजनीति को हिस्सा बनाया।
अतीक अहमद ने रखा अपराध की दुनिया में कदम (Criminal Activity)
उन्होंने 17 साल की उम्र में पहली बार किसी की हत्या की। इसके बाद हर जगह उनकी धाक जमने लगी। यही कारण रहा कि उनका नाम पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हो गया। आपको बता दें कि 80 मामले उनके खिलाफ दर्ज हैं। इनमें हत्या, अपहरण, सरकारी काम में बाधा डालना, शांति व्यवस्था भंग करना, लाइसेंसी शस्त्र का दुरूपयोग, गुंडा एक्ट आदि शामिल है। ये सभी केस अलग-अलग राज्यों इलाहाबाद, लखनऊ, कौशांबी, चित्रकूट, देवरिया में दर्ज किए गए हैं।
अतीक अहमद का राजनीतिक सफर (Atiq Ahmed Political Career)
प्रयागराज पश्चिम विधानसभा सीट
अतीक अहमद ने 1989 में प्रयागराज पश्चिम विधानसभा सीट के लिए नामांकन किया। जिसके लिए उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी की सीट मिली। यहीं से उन्होंने अपने जीवन की नई और अलग शुरूआत की। इस सीट पर वो पांच बार विधायक रहे। ये दिन उनके जीवन के काफी बेहतर दिनों में से एक थे। अपने राजनितिक सफर की शुरूआत प्रयागराज से कर सबसे पहले उन्हें प्रयागराज पश्चिम विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में कार्य करना शुरू किया। आपको बता दें कि कांग्रेस के गोपालदास को 8102 वोट से हरा दिया। इसके बाद अतीक अहमद ने इसी सीट से 1991 और 1993 का निर्दलीय चुनाव लड़ा। जिसको उन्होंने जीत लिया। इसके बाद वह समाजवादी पार्टी की साईकिल पर सवार होकर साल 1996 में चौथी बार चुनाव लड़ा और विधायक बने। लेकिन कुछ समय बाद अतीक अहमद की सपा से दूरियों का सिलसिला जारी रहा। इसके चलते उन्होंने सपा का साथ छोड़ दिया। जिसके बाद उन्होंने 1999 में सोनलाल पटेल की पार्टी को ज्वाइन कर दिया।
प्रतापगढ़ से हारे चुनाव
अपना दल ने उन्हें प्रतापगढ़ से चुनाव में उतारा, लेकिन अतीक को यहां हार का मुंह देखने को मिला। वहीं 2002 में अपना दल ने अतीक को उनकी परंपरागत सीट इलाहाबाद पश्चिमी से टिकट मिला। इस चुनाव में उन्हें फिर दोबारा कामयाबी मिली। जिसके बाद वो विधानसभा पहुंचाने में सफल रहे। साल 2003 में मुलायम सिंह यादव की सरकार बनी तो अतीक अहमद ने दोबारा सपा ज्वाइन की। जिसके बाद उन्होंने सपा का हाथ नहीं छोड़ा।
2004 में बने फूलपुर से सांसद
अतीक अहमद को साल 2004 में सपा ने उन्होंने लोकसभा चुनाव में फूलपुर से टिकट दिया। जिसको जीतकर वो पहली बार लोकसभा पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। वहां हुए उपचुनाव में सपा ने अतीक के भाई खालिद को टिकट दिया। लेकिन बसपा के राजू पाल ने उन्हें हरा दिया। हार का गुस्सा अतीक अहमद सहन नहीं कर पाए और उन्होंने राजू पाल की हत्या करवा दी। जिसके बाद उनकी अवैध संपत्ति और निर्माण पर सरकार ने केस किया। इसके कारण उनकी किस्मत के ताले बंद होते नज़र आ रहे हैं।
अतीक अहमद पर राजू पाल की हत्या का आरोप (Atiq Ahmed accused of killing Raju Pal)
साल 2004 में फूलपुर से टिकट मिलने के बाद अतीक अहमद सांसद बन गए। जिसके बाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई। इस सीट पर दोबार चुनाव कराए गए। इस चुनाव में उनके भाई को खड़ा किया गया। लेकिन वो इस सीट को जीत नहीं पाए। बसपा के केंडिडेट ने इस सीट को जीत लिया। इसी गुस्से को उन्होंने कुछ महीनों बाद राजू पाल की हत्या कर निकाला। साल 2005 में उन्होंने दिनदहाड़े राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी। इस कांड में अतीक अहमद के भाई को आरोपी करार दिया गया।
अतीक अहमद मायावती ने कसा शिकंजा (Atiq Ahmed Mayavati)
मायावती की पार्टी के विधायक की हत्या के मामले में साल 2007 में एक्शन लिया गया। जब मायावती उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री बनी। इसके बाद उन्होंने अतीक अहमद पर शिकंजा कसा। उनपर एक के बाद एक मुकदमे दर्ज किए गए। ये करीब 10 मुकदमे थे। जिसके कारण अतीक अहमद पर कड़ी कार्रवाई की गई। उत्तरप्रदेश पुलिस ने उनपर 20 हजार रूपये का जुर्माना घोषित किया। दबाव बढ़ने के कारण अतीक की गिरफ्तारी हुई। सरकार ने उनकी करोड़ों की संपत्ति को जब्त कर लिया। लेकिन ट्विस्ट तब आया जब साल 2014 में सपा की सरकार बनी। उस सरकार में रहकर अतीक अहमद की जमानत कराई गई।
अतीक अहमद ने दिल्ली में किया आत्मसर्मरपण (Atiq Ahmed Surrendered in Delhi)
सपा सांसद अतीक अहमद काफी समय से फरार चल रहे थे, जिसके कारण उनके नाम पर इनाम भी घोषित कर दिया था। इसी दौरान अतीक अहमद ने खुद पुलिस थाने में आकर आत्मसर्मपण कर दिया। इसके बाद उनके ऊपर कार्रवाई होनी शुरू हो गई है। जिसके लिए पुलिस द्वारा सारी तैयारियां कर ली गई है। जैसे ही उनकी कोर्ट में पेशी होगी। उसकी जानकारी मीडिया को भी बता दी जाएगी।
अतीक अहमद ने करवाई उमेश पाल की हत्या (Atiq Ahmed got Umesh Pal Killed)
राजू पाल की हत्या के बाद अब उन्होंने राजू के खास दोस्त उमेश पाल की भी हत्या करवा दी। जिसके कारण अब उनके ऊपर राजू और उमेश पाल दोनों की हत्या करवाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसके कारण कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाना भी शुरू कर दिया है। इससे उन्हें भी पता चलेगा जो अपराध किए हैं वो कितने संगीन है। जिसके बाद कोई और ऐसे कांड करने से पहले कई बार सोचेगा। इसी के साथ अन्य कार्रवाई भी जारी है।
अतीक अहमद के बेटे असद का हुआ एनकाउंटर
उमेश पाल मर्डर के केस में उत्तर प्रदेश पुलिस को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है. इस मर्डर का मुख्य आरोपी अतीक अहमद का बेटा असद अहमद एवं मर्डर में शामिल शूटर गुलाम दोनों का एनकाउंटर कर दिया गया है. दरअसल इस मर्डर केस के बाद से वे दोनों कई दिनों से फरार थे. इनका एनकाउंटर झांसी के पास 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बड़ागांव एवं चिरगांव के बीच हुआ. दरअसल ये दोनों झांसी और कानपूर हाईवे के पास स्थित एक परीछा बांध के आसपास छिपे बैठे थे, और वहीँ से यूपी एसटीएफ ने दोनों को घेर लिया. और दोनों तरफ से फायरिंग के बाद दोनों का एनकाउंटर हो गया.
अतीक अहमद को बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने का नहीं मिलेगा मौका
ख़बरें आ रही है कि अतीक अहमद ने अपने बेटे की मौत के बाद सारा आरोप स्वीकार कर लिया है कि उमेशा पाल की हत्या उसी ने करवाई है. इन सबके पीछे उसी का हाथ हैं. जिसके चलते उन्हें अदालत से सजा भी हो गई है. मौत की खबर सुनने के बाद अतीक अहमद ने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अदालत से सिफारिश भी की है. लेकिन इस पर कोई कार्यवाही आज यानि शनिवार को होनी है. असद एवं गुलाम का शव यूपी पुलिस द्वारा झांसी से प्रयागराज ले जाया जा रहा है, और वहीँ उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा. आपको बता दें कि अतीक अहमद के पिता फिरोज अहमद की मृत्यु के समय भी अतीक अहमद जेल में था और उसे उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने का मौका नहीं मिलता था.
अतीक अहमद ताज़ा खबर
कल रात को अतीक अहमद और उसके भाई की अनजान लोगो द्वारा गोली मर के हत्या कर दी गए