आज हम जिस पर बात करने वाले हैं वो है – computer output device, जी हाँ दोस्तों !जिसमे हम आपको output device क्या है ? और output device कितने प्रकार के होते हैं ? आज हम आपको बताएंगे
आज हर तरफ कंप्यूटर की demand है और ऐसे में कंप्यूटर की थोड़ी बहुत परख न हो तो बहुत गलत बात है। समय दिन प्रतिदिन बदल रहा है और ऐसे में हमें भी बदलना चाहिए।
तो दोस्तों ! Computer output device बात को बढ़ाते हुए आइए जानते हैं और समझते हैं – output device क्या है, output device कितने प्रकार के होते हैं वो भी पूरी जानकारी के साथ।
Output Device क्या है
दोस्तों ! यहां मैं आपको बता दूँ कि – Output Device वो device होती है, जो कंप्यूटर के इनपुट device द्वारा दिए गये इंस्ट्रक्शन को प्रोसेसिंग होने के बाद जिस device में उसका परिणाम हार्डकॉपी के रूप में (प्रिंटर) या सॉफ्टकॉपी (मॉनिटर) दिखता है। अर्थात प्रोवाइड करता है, वह output device कहलाता है।
कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार के output device है। कुछ output device इस प्रकार है-
Output Device कितने प्रकार के होते हैं ?
Monitor
कंप्यूटर का वह output device है, जो data को directly represent करता है। यह एक टेलीविज़न (television) की तरह दिखाई देता है। प्रारम्भ में केवल monochrome अथवा श्वेत और श्याम ( Black and White ) मॉनिटर थे।
धीरे -धीरे ऐसे monitor विकसित किये गये जो रंगो को प्रदर्शित कर सकते है।
Monitor कई प्रकार के है तथा उनकी प्रदर्शन क्षमता भिन्न -भिन्न है। ये क्षमता एडाफ्टर कार्ड (Adapter Card ) नाम के विशेष circuit पर आधारित होते है।
कुछ एडाफ्टर कार्ड (Adapter Card ) इस प्रकार है। – Types Of Monitor With Complete
Information Color Graphics Adapter (CGA) Extended Graphics Adapter (EGA) Vector Graphics Adapter (VGA) Super Vector Graphics Adapter (SVGA) Monitor पर जो सबसे छोटी बिंदु प्रदर्शित की जाती है, पिक्सेल (Pixel ) कहलाती है।
Vertical और Horizontal प्रदर्शित किए जाने वाले pixel monitor अधिक रेसोलुशन (Resolution ) प्रदान करते है। Monitor Resolution प्रदर्शन के गुण निर्णय करते है। Resolution अधिक होने से प्रदर्शन का Quality भी बेहतर होता है।
कुछ प्रसिद्ध Resolution 800*640 पिक्सेल , 1024*768 पिक्सेल , 1280*1024 पिक्सेल है।
मॉनिटर कार्य के आधार पर निम्न प्रकार के होते हैं –
- LCD (Liquid Crystal Display)
- LED (Light Emitting Diode)
- OLED (Organic Light Emitting Diode )
- CRT(Cathode Ray Tube )
प्रिंटर
Printer एक output device है। प्रिंटर्स information को स्थाई तौर से पढ़े जाने वाले रूप में प्रस्तुत करते है। यह Results, Programmes और Data का प्रिंटेड (Hardcopy) output प्रस्तुत करता है। प्रिंटर्स को दो भागो में वर्गीकृत किया गया है।
प्रिंटर्स का वर्गीकरण
1. इम्पैक्ट प्रिंटर
(Impact Printer )(Impact Printer) इम्पैक्ट प्रिंटर एक एलेक्ट्रोमैनिकल मैकेनिजम (Electro-mechanical Mechanism ) का इस्तेमाल करते हैं , जो hammers या पिन्स(Pins) को एक Ribbon पेपर पर स्ट्राइक (strike) करते है जिससे Text प्रिंट हो।
दो तरह के इम्पैक्ट प्रिंटर उपलब्ध है। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot-Matrics Printer) लेटर क्वॉलिटी प्रिंटर (Letter Quality Printer)
2. नॉन- इम्पैक्ट प्रिंटर (Non-Impact Printer)
(Non-Impact Printer) नॉन – इम्पैक्ट प्रिंटर थर्मल(Thermal), केमिकल(Chemical), इलेक्ट्रोस्टेटिक (Electrostatic) लेज़र बीम (Laser beam), या इंक्जेक्ट टेक्नोलॉजी (Inkjet Technology ) का प्रयोग text प्रिंट करने के लिए करते है।
आमतौर पर एक Non-Impact Printer टाइप का Printer Impact टाइप के printer से प्रिंट करने की speed अधिक होती है।
लेजर प्रिंटर
Laser Printer (लेज़र प्रिंटर) , नॉन- इम्पैक्ट (Non-impact) वर्ग के प्रिंटर के अन्तर्गत आता है। ये एक page एक बार में print करते है। इस तरह के प्रिंटर्स Laser या कोई अन्य Light Source का प्रयोग करते है।
ताकि एक photo sensitive drum पर एक image बनाई जा सके।
Computer लेजर बीम control करते है जिससे ऑन (ON) या ऑफ (OF) किया जा सके, जब इसे ड्रम के आगे/पीछे भेजा जाता है। रास्टर स्कैन सिद्धांत (principle) को मानते हुए एक इमेज (image) बनाई जाती है।
Laser exposed क्षेत्र टोनर को attract करते है।
इसके बाद ड्रम टोनर को पेपर पर transfer कर देता है। इसके बाद पेपर फियूजिंग स्टेशन(Fusing Station) की ओर जाता है, जहा टोनर को heat या pressure द्वारा स्थाई रूप से पेपर पर fuse कर दिया जाता है।
इसके बाद ड्रम को discharge clean कर दिया जाता है।
अब ड्रम अगले पेज की processing के लिए तैयार हो जाता है। Laser Printer शांत होते है और ये high quallity का Output प्रस्तुत करते है।
प्लॉटर क्या है ?
प्लॉटर (Plotter) एक output device है। इन्हे सही और अच्छी quality के ग्राफ़िक्स (Graphics) एवं ड्रॉइंग्स (Drawings) और कंप्यूटर के control के अंतर्गत प्रस्तुत करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
ये ग्राफ़िक्स या ड्राइंग बनाने के लिए इंकपेन (inkpen) या इंकजेट (inkjet) प्रयोग किया जाता है।
Single या Multicolour पेन (colour panel) का use किया जा सकता है।
मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर क्या है
मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर (Multimedia Projector) एक output device है जो एक कंप्यूटर से attach होती है और इसका use कंप्यूटर से data को एक बड़ी स्क्रीन (कपड़े स्क्रीन या दीवार ) पर project करने के लिए किया जाता है।
इस तरह के information को बहुत सारे लोग एक साथ देख सकते है।
इसे व्यापक तौर पर presentation देने के लिए किया जाता है। एक कंप्यूटर पर ऑडियो (Audio) , वीडियो (Video), इमेज (Image) और एनीमेशन (Animation) तैयार किए जा सकते है।
और multimedia projector का प्रयोग करके पेरजेंटेशन (presentation) को अधिक जीवंत attractive बनाया जा सकता है।
स्पीच सिंथेसाइज़र क्या है ?
स्पीच सिंथेसाइज़र (Speech Synthesixer) एक output device है जो text data को बोले जाने पर वाक्यों में बदल देता है। और speech प्रस्तुत करने के लिए बेसिक साउंड यूनिट( Basic Sound Units ) जिन्हे phonemes में जोड़ा जाता है।
उसे Amplify किया जाता है और computer से जुड़े एक स्पीकर द्वारा आउटपुट किया जाता है। स्पीच सिंथेसाइज़र , अंधे (blind) और गुंगे (dumb) लोगो के treatment में , व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
मेरी अंतिम राय :-
हमेशा से मेरी यही कोशिश रहती है कि आपको सही और सटीक और पूरी जानकारी provide करा सकूँ। आज हमने सीखा – आउटपुट डिवाइस क्या है (what is output device in hindi) और कंप्यूटर में इस्तमाल लाया जाने वाले कुछ Output Device के बारे में बताया हैं।
अब future में जितने भी आउटपुट डिवाइस आएंगे उनके उन सभी के आउटपुट डिवाइस का size दिन प्रतिदिन छोटा होता जायेगा। और एक दिन ऐसा आएगा जिसमे computer के सभी output device एक ही डिवाइस में सारे components attach हो जाएगा।
आपसे यही उमीद है ये लेख कंप्यूटर के आउटपुट डिवाइस पसंद आया होगा, कैसा लगा आप जरुर निचे बताइए। अगर अभी बी कोई सवाल आप पूछना चाहते हो तो निचे Comment Box में जरुर लिखे। कोई सुझाव या सलाह देना चाहते हो तो जरुर दीजिये जो हमारे लिए काफी उपयोगी हो।