इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर आईटी नियमों के मसौदे का मकसद सही है, लेकिन इसके कुछ पहलुओं पर फिर से गौर किये जाने की जरूरत है। उद्योग संगठन ने कहा कि प्रस्तावित नियम उद्योग के व्यवस्थित और तेजी से विकास को लेकर एक कानूनी ढांचा बनाने समेत तीन कारणों से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग परिवेश के लिये काफी सकारात्मक हैं। लेकिन इसके कुछ पहलुओं पर फिर से गौर करने की जरूरत है। इसमें गेमिंग की परिभाषा शामिल है। आईएएमएआई ने कहा, ”वास्तव में, ऑनलाइन गेमिंग की परिभाषा बहुत व्यापक और अस्पष्ट है। इससे वैसी कंपनियां भी इसके दायरे में आ जाएंगी, जिन्हें नियमों के दायरे में लाने की जरूरत नहीं है या फिर हल्के कायदे-कानून की आवश्यकता है।
इससे उनपर अनुपालन बोझ भी पड़ेगा।” संगठन ने कहा कि नियमों के मसौदा के अनुसार ऐसा लगता है कि कुछ प्रावधान उन सेवाप्रदाताओं या भागीदारों पर लागू होगा, जो ऑनलाइन गेम का विज्ञापन, प्रकाशन या ‘होस्ट’ करते हैं। उन्हें प्रत्येक खेल को स्व-नियामक निकाय (एसआरबी) के साथ निरंतर आधार पर सत्यापित करके नियमों का पालन करना होगा, जो व्यावहारिक नहीं है। आईएएमएआई ने कहा, ”सबसे महत्वपूर्ण यह है कि एसआरबी का दायरा पर्याप्त रूप से मजबूत नहीं है। उद्योग ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के लिये कहा है क्योंकि अंततः स्व-नियामक निकाय की भूमिका निर्णय देने की होगी। उद्योग ने स्व-नियामक निकाय के संचालन को लेकर साझा सिद्धांत का आग्रह किया है।” हालांकि, उद्योग संगठन यह भी कहा कि नियमों का मसौदा उपभाक्ताओं को मजबूत सुरक्षा उपलब्ध कराता है और सबसे महत्वपूर्ण उद्योग को स्व-नियमन की अनुमति देता है। आईएएमएआई ने कहा, ”इन उपायों से उद्योग को मान्यता मिलेगी और नियामकीय निश्चितता आएगी। इससे उद्योग में नवोन्मेष और निवेश बढ़ेगा।”