“मैं राजकपूर हो गया” राजकपूर के दीवाने की कहानी है

अभिनेता एवं नर्दिेशक मानव सोहल ने कहा है कि आगामी सत्रह फरवरी को प्रदर्शित होने वाली उनकी नई फल्मि ह्लमैं राजकपूर हो गया बॉलीवुड के पहले शो मेन राजकपूर के दीवाने की कहानी है और उन्हें श्रदांजलि बतौर यह फल्मि बनाई गई है। श्री सोहल आज यहां अपनी फ़ल्मि के प्रमोशन के अवसर पर मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह फ़ल्मि राजकपूर के एक दीवाने की ज़िंदगी के ईद गर्दि बुनी गई है जो मुंबई के एक चाल में रहता है। उसे राजकपूर की फल्मिें, उनके निभाये कैरेक्टर और उनकी फल्मिों के गीत एवं संवाद बेहद पसंद है। वह खुद को राजकपूर ही कहता है और उनके ही गेट अप में रहता है। उन्होंने कहा ह्लमैं खुद भी राजकपूर साहेब का बहुत बड़ा फैन हूँ और इस फ़ल्मि में भी मैं उनके एक प्रशंसक का ही रोल कर रहा हूँ। यह फ़ल्मि मेरे दिल के करीब है और मेरे करियर के लिए स्पेशल फ़ल्मि है, इसकी कहानी भी मैंने लिखी है और मुख्य भूमिका निभाने के साथ साथ डायरेक्शन भी किया है। मैं बचपन से ही राजकपूर साहेब का बहुत बड़ा फैन रहा हूँ और इस फ़ल्मि की कहानी राजकपुर की जीवनी पर आधारित नहीं है बल्कि राजकपूर के एक फैन की कहानी है।

“मैं राजकपूर हो गया” उस फैन की स्टोरी है जो राजकपूर को अपना सब कुछ मानता है। इस फ़ल्मि के द्वारा मैंने राजकपूर की फिलॉसफी को पर्दे पर पेश करने की कोशिश की है श्री सोहल ने कहा कि कोरोना काल ने हमें रश्तिों, अपनो की अहमियत बता दी है मगर राज साहेब की सोच उस युग मे बड़ी सीधी थी। वह एक आम आदमी के चरत्रि को वह बड़ी आसानी से पर्दे पर प्रस्तुत कर देते थे। हमारी यह फ़ल्मि भी मोहब्ब्त, रश्तिे, भाईचारे और इंसानियत का सन्देश देती है। फ़ल्मि के सभी गाने इसका प्लस पॉइंट है। राजकपूर को संगीत की गहरी समझ थी और उनकी फल्मिों का मधुर संगीत आज भी गुनगुनाया जाता है इसी को ध्यान में रखकर हमने फ़ल्मि के संगीत पर विशेष ध्यान दिया है। फ़ल्मि का संगीत वद्यिुत गोस्वामी ने तैयार किया है और फ़ल्मि के बैकग्राउंड म्यूजिक पर भी खास काम किया है। श्रावणी गोस्वामी ने इस फ़ल्मि में एक मराठी काम वाली की भूमिका निभाई है।

इस फल्मि में अपने अभिनय के बारे में बताते हुए श्रावणी ने कहा कि यह फ़ल्मि एक चाल में रहने वालों की ज़िंदगी को दिखाती है। मुम्बई के इस चाल में अलग अलग प्रदेशों से आकर मुम्बई में बसे लोग रहते हैं। उनकी संस्कृति, बोलचाल ,छोटे छोटे झगड़े, प्यार मौहब्बत सब इस फ़ल्मि में देखने को मिलेंगें। उन्होंने कहा काम वाली के रुप में अभिनय करना उनके लिए काफी चुनौतीपुर्ण था लेकिन उन्होंने इस पर खरा उतरने की कोशिश की हैं और उम्मीद है कि जब लोग इस फल्मि को देखेंगे तो मैं हमेशा की तरह इस किरदार में भी नई छाप छोड़ने में कामयाब रहूंगी। फ़ल्मि के शीर्षक के बारे में श्री सोहल ने बताया कि राजकपूर नाम रजस्टिर करने से साफ इंकार कर दिया गया। बाद में कई मीटग्सिं के बाद यह टाइटल मिल पाया। हमने राजकपूर की फल्मिों के गानों के इश्तेमाल की स्वीकृति मांगी लेकिन एक गाने की एक करोड़ रुपये की मांग पर हमने इसे रदद् कर दिया क्योंकि हमारी फ़ल्मि छोटे बजट की है और इतना पैसा हम नहीं दे सकते थे। हमने राज कपूर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मुम्बई में स्थित आरके स्टूडियो में अपनी फल्मि का एक गाना ह्लएक ताराह्व लॉन्च किया।

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