2023 Raksha Bandhan Bhadra significance: आखिर राखी भद्रा में क्यों नहीं बांधी जाती?

इस साल रक्षाबंधन दो दिन 30 और 31 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई को राखी बांधती है तो वहीं, भाई अपनी बहन को उपहार के साथ-साथ उसकी रक्षा का वचन भी देता है।   

Bhadra Mein Bandhte Kyu Nahi Rakhi: रक्षाबंधन इस वर्ष दो दिनों तक मनाया जाएगा।

30 अगस्त और 31 अगस्त को राखी बांधी जाएगी। लेकिन 30 अगस्त को भद्रा पूरे दिन रहेगी।

यह माना जाता है कि भद्रा में राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्रा काल में राखी बांधना अत्यंत अशुभ है।

ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स बताते हैं कि भद्राकाल में राखी न बांधने का कारण क्या है?

2023 रक्षाबंधन में भद्रा कौन हैं?

  • भद्रा शनिदेव (शनिदेव को तेल चढ़ाने का कारण) की छोटी बहन है।
  • माना जाता है कि भद्रा राहुकाल में पैदा हुआ था।
  • यही कारण है कि भद्रा उग्र और अशांत होती हैं।
  • वह किसी भी व्यक्ति के बारे में बुरा सोचती है, उसका बुरा परिणाम होता है।
  • यहां तक कि भद्रा ने एक बार अपने ही शनिदेव को गलत समझा।

यह भी पढ़ें: भाई से दूर रहेंगी हर बाधाएं,रक्षाबंधन पर बहनों को ये काम जरूर करने चाहिए

  • तब शनिदेव को अपने जीवन में बहुत पीड़ाओं से गुजरना पड़ा था। 
  • मान्यता है कि शिव जी ने भद्रा को एक समय काल का रूप दिया।
  • ताकि यह समय एक दंड के तौर पर व्यक्ति के जीवन में आए।
  • इसलिए ही भद्रा को बहुत अशुभ और कष्टदायक माना जाता है।
  • यही कारण है कि इस काल में शुभ काम करने की मनाही होती है।
  • वहीं, भद्रा के साए में राखी न बांधने की पौराणिक कथा भी है। 

रक्षाबंधन 2023 क्यों भद्रा में नहीं बांधते राखी

  • पौराणिक कहानी कहती है कि सूपर्णखा ने भद्रा में रावण को राखी बांधी थी।
  • इसके बाद उसने रावण (रावण के मंत्र) को झूठ बोलकर सीता को मारने के लिए प्रेरित किया।
  • इसके बाद रावण की बुद्धि भ्रष्ट हो गई और उसे मार डाला गया।
  • रावण की मृत्यु के समय देवताओं ने भद्रा को अपना साया लगाया।
  • श्री राम ने भद्राकाल में राखी बंधी और रावन का पूरा कुल नष्ट कर दिया।

यह भी पढ़ें: ये स्वादिष्ट कश्मीरी मिठाई राखी पर सर्व करें

  • यह भी कहा जाता है कि भद्रा ने शनिदेव को राखी बांधना चाहा था।
  • तब भद्रा के राखी को बांधते ही शनिदेव को संकटों और अपमान का सामना करना पड़ा।
  • उस समय सिर्फ भगवान शिव ने सनिदेव को बचाया और उनका उद्धार किया था।
  • इसके बाद से भद्रा में शिव की पूजा बहुत महत्वपूर्ण हो गई।

इसलिए भद्र में राखी नहीं बांधी जाती है। आप हमें लेख के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में हमारी कहानियों से संबंधित कोई प्रश्न पूछ सकते हैं। हम आपको सही जानकारी देने की कोशिश करेंगे। आप इस लेख को पसंद करते हैं तो इसे शेयर करें। हमेशा ऐसी ही कहानियों से जुड़े रहें।

यह भी पढ़ें: ये स्नैक्स को ठंडे कोल्ड ड्रिंक के साथ सर्व करें

Rate this post

Leave a Comment

Item added to cart.
0 items - 0.00