यूं ही नहीं ट्विटर को एक्स बनाने में जुटे मस्क, दो दशक पुराना है अक्षर से प्यार

जानिए कानूनी अड़चनों और लोगों की पंसद-नापसंद की परवाह किए बिना अमेरिकी उद्यमी एलन ने क्यों किया बदलाव

मशहूर अमेरिकी उद्यमी एलन मस्क को दुनिया के सबसे चतुर लोगों में शुमार किया जाता है। हालांकि, अक्सर उन्हें ऐसी हरकतें करते भी देखा जा सकता है, जो किसी सुलझे अरबपति कारोबारी के लिहाज से डाएंगे तार्किक और सामाजिक मान्यताओं के दायरे में संगत नहीं लगती हैं। फिलहाल, उन्होंने ट्विटर का नाम बदलकर एक्स रख दिया है। ज्यादातर लोगों को यह फैसला बेतुका लग रहा है।

मस्क ने यह नाम यूं ही नहीं रखा है। असल में अंग्रेजी वर्णमाला का 24वां अक्षर एक्स मस्क का पुराना प्यार है। एक्स को लेकर मस्क इतने जुनूनी हैं, उन्होंने अंतरिक्ष कंपनी का नाम भी स्पेस एक्स रखा है। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने पहले बेटे का नाम भी एक्स रखा है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक कार के एक मॉडल का नाम भी एक्स है।

एक्स की दौड़ में कानूनी बाधाएं

गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट पहले से ही एक्स कंपनी चला रही है। इसके अलावा फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा के पास एक्स का इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट है। वहीं, माइक्रोसॉफ्ट के पास एक्स का ट्रेड मार्क राइट है। ऐसे में ट्विटर का नाम एक्स रखने पर मस्क को कानूनी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है। यूरो न्यूज की रिपोर्ट में अमेरिकी ट्रेड मार्क लॉयर जोश गेरबेन कहते हैं, 100 फीसदी संभावना है कि कोई न कोई एक्स नाम को लेकर ट्विटर को अदालत में घसीट लेगा एक्स अक्षर को लेकर अलग-अलग उद्योग व क्षेत्रों में अमेरिका में 900 से ज्यादा ट्रेड मार्क और आईपीआर सक्रिय हैं।

एक्स के खिलाफ जांच शुरू

शुक्रवार को सान फ्रांसिस्को स्थित इसके मुख्यालय की इमारत पर भी बड़ा सा एक्स लगा दिया गया है। शहर के प्रशासन को इसकी वैधता के खिलाफ शिकायत मिली है, जिसकी जांच की जा रही है। शहर के कानूनों के मुताबिक किसी भी इमारत पर साइन बोर्ड लगाने की अनुमति लेनी होती है और इसके आकार प्रकार को लेकरभी नियम बने हैं। अगर एक्स को लगाने में नियमों का उल्लंघन हुआ है, तो इसे हटाया जा सकता है।

बुरा हो सकता है अंजाम…आगे चलकर अगर ट्विटर का मौलिक रूप ही नहीं बचता है, तो इसका अंजाम बुरा हो सकता है। खासतौर पर यूजर इसे नकार सकते हैं।

मस्क और एक्स का रिश्ता…

1999 में एलन मस्क ने एक बैंकिंग वेबसाइट एक्स.कॉम तैयार की, जिसे तीन साल बाद पेपाल में मर्ज कर दिया गया। मस्क को पेपाल का सीईओ बनाया गया, मस्क पेपाल का नाम बदलकर एक्स.कॉम रखना चाहते थे, जिससे बाकी के फाउंडर सहमत नहीं थे और मस्क को सीईओ पद छोड़ना पड़ा। इस तरह एक्स से मस्क का इश्क दो दशक से भी ज्यादा पुराना है।

2017 में वापस खरीदा एक्स.कॉम

पेपाल में मर्जर के साथ ही एक्स.कॉम डोमेन नेम भी पेपाल का हो गया, 2017 में मस्क ने पेपाल से एक्स.कॉम डोमेन को खरीदा। इसे लेकर मस्क ने ट्वीट कर कहा था, एक्स.कॉम को खरीदने का मौका देने के लिए पेपालका शुक्रिया, अभी कोई योजना नहीं है, लेकिन मेरे लिए इसकी गहरी भावनात्मक कीमत है।

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